भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गुड मॉर्निंग / राग तेलंग

Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:02, 19 दिसम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राग तेलंग |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>इतनी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इतनी प्रामाणिक तो
मैं पहले कभी नहीं थी

इससे पहले
मेरी हर परीक्षा के दौरान
मैं तुम्हारा साथ महसूस करती रही

तुमने मुक्त किया मुझे हर ऐब से

इस नए आसमान पर
कहीं कोई डर नहीं है

एक लंबी रात के बाद
मैं अब
अपनी आँखें खुलने का
ऐलान करने जा रही हूं
और
चाहती हूं
मेरे रचे
पहले दृश्य की शुरुआत
रूबरू
तुम्हारे शब्दों में
गुड मॉर्निंग से हो ।