भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक कविता / निदा नवाज़
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:34, 12 फ़रवरी 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा नवाज़ |अनुवादक= |संग्रह=अक्ष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
एक प्रतिबिम्ब
रात्रि के सन्नाटे में चीख़
किसी दुर्घटना की चेतना
मन-मन्दिर के दिए की लौ
एक भूकम्प
गर्भवती के अन्तिम क्षण
मृत्युदण्ड पाने वाले की
अन्तिम इछा
या फिर एक कविता।