जब कुत्ते इनकारी हो जाएंगे / निदा नवाज़
समुद्र को क़ैद किया गया
बीच शहर के
निर्वासित किए गए
सभी वकील
जला दी गई
क़ानून की सभी पुस्तकें
वह समुद्र के तल में पड़ी
एक सीपी के गर्भ में
रोपोश हुआ
वह नहीं जानता था
समुद्र का क़ैद होना
सीपी का क़ैद होना
और स्वयं अपना क़ैद होना
उस पर आरोप था स्वाद भर
या ज्यादा से ज्यादा
आँख भर
नमक चुराने का
शहर से दूर बीच पत्थरीले पहाड़ों के
एक नदी क़ैद की गई
लोहो और सीमेंट से बने
क़िले में
उसकी कोख से फूट पड़ी
प्यार नाम की एक टहनी
जिस पर बैठ गई थी
एक बुलबुल
बुलबुल नहीं जानती थी
नदी का क़ैद होना
टहनी का क़ैद होना
और उसकी
अपनी चहकार का क़ैद होना
नदी पर आरोप था
सीपी के गर्भ में
रोपोश होने वाले कवि को
अपने होंठों का नमक
चोरी छुपे देने का...
प्यार को सूंघने वाले
कुत्ते दौड़ाए गए
उन्होंने वापसी पर
अपने मालिकों को
पहचानने से इनकार किया
उनहोंने समुद्र की सतह पर
नमक चाटते
अपने दो हमशक्ल देखे थे
और अपनी नींदें
उनके पास गिरवी रखी थीं
जब कुत्ते दिन को नहीं सोते
वे रात को
किसी पर भी नहीं भौंकते
न ही वे रक्षा कर सकते हैं
किसी की नमक-खान की
और जब कभी कुत्ते एक साथ
अपने मालिकों पर भौंकेंगे
अपने मालिकों को
सलाम करने से
इनकारी होजाएंगे
और ज़रूरत पड़ने पर
मालिकों के पेट से
अपने खाने का हिस्सा निकालेंगे
सीपी के गर्भ में रोपोश कवि
अपनी स्ब से अच्छी
कविता लिखेगा
उस शहर के लिए
जिस में अभी तक
दरयाफ़्त नहीं हुई है पीड़ा
न ही समझते हैं वहां के लोग
पलकों के पीछे
समुद्र का क़ैद होना
वे नहीं जानते हैं
बारिश और आँख का रिश्ता
न ही उन्होंने
अभी तक समझा है
पहले चुम्बन से चुराए गए
नमक का रहस्य.