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हत्यारा / निदा नवाज़

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यहाँ हत्यारा कौन है
हत्यारा भी बनाता है घर
जनता है बच्चे
उगाता है चेहरे पर लंम्बी दाढ़ी
मुस्कुराता भी है कभी-कभी
एक ज़हरीली मुस्कुराहट
हत्या करने के बाद
धो लेता है हाथ
बदल लेता है कपड़े
लेकिन हत्यारा नहीं जानता
कि
चेहरे पर उगी दाढ़ी
धोये हुए हाथ
बदले हुए कपड़े
गले में बंधा तावीज़
और जेब में रखा धर्म ग्रन्थ
उसे छुपा नहीं सकता
हत्यारे की भी होती हैं आँखें
जो हर हत्या के बाद
हो जाती हैं और लाल
और आँखें कभी भी
किसी पाप को
नहीं छुपा सकतीं.