भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इच्छा / निदा नवाज़
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:52, 12 फ़रवरी 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा नवाज़ |अनुवादक= |संग्रह=बर्फ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हम बस क्षण भर
मुस्कुराते हुए जीने की
इच्छा करते थे
उनहोंने
शताब्दियों के सपने दिखा कर
वह क्षण भी हम से छीन लिया
जबकि हम जानते हैं
जब अंधे उजाला बांटने का
दावा करें
तो क्या बेसाख़्ता
नहीं आती हंसी.