जागऽ / कस्तूरी झा ‘कोकिल’
जागऽ हमरऽ संग-साथी, जागऽ हमरऽ भैया।
टुकुर-टुकुर ताकतें रहभौ तेऽ डूबथौं अपनें नैया।
नेतबा धोखेबाज,
पुलिसबा भक्षक।
अफसर शाहंशाह
किरनियाँ तक्षक।
फन कूटै लेल कदम बढ़ाबऽ भूलीजा मंतरिया।
जागऽ हमरऽ संग-साथी, जागऽ हमरऽ भैया।
टुकुर-टुकुर ताकतें रहभौ तेऽ डूबथौं अपनें नैया।
डाक्टर साहब जोंक।
क्लीनिक पचमहला।
पहिनें लेथौं फीस,
नहला पर दहला।
दरद बढ़ैथौं चीरथौं पेट, छोड़थौं कैंची सूइया।
टुकुर-टुकुर ताकतें रहभौ तेऽ डूबथौं अपनें नैया।
जागऽ हमरऽ संग-साथी, जागऽ हमरऽ भैया।
फास्ट फूड पर मारामारी
गुमसुम चुल्हा-चक्की।
सैर, सिनेमा हरदम चाही।
अग्रिम टिकट पक्की।
गदा भीमसन तभिये चलथौं, द्रोपदी सन भनसिया।
टुकुर-टुकुर ताकतें रहभौ तेऽ डूबथौं अपनें नैया।
जागऽ हमरऽ संग-साथी, जागऽ हमरऽ भैया।
-अंगिका लोक/ जुलाई-सितम्बर, 2013