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जय-पराजय-खुशी और ग़म / शिव ओम अम्बर
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जय-पराजय-खुशी और ग़म
दृष्टिभ्रम दृष्टिभ्रम दृष्टिभ्रम
बिजलियो, आशियाँ पे मेरे,
हर तरफ़ दर्ज है स्वागतम्
वेदनाओं की वेदत्रयी,
ये जुबाँ ये ज़िगर ये क़लम।