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लौटी आबोॅ तो अपनोॅ गाम / सियाराम प्रहरी

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लौटी आबोॅ तो अपनोॅ गाम
आबेॅ अपनोॅ गामोॅ मे छै तीसो दिन काम
बाबू लौटी आबोॅ तों अपनोॅ गाम

जानै छिहौं शहरोॅ में रिक्सा चलाय छोॅ
की तों कमावै छोॅ अ’ की तोहें खाय छोॅ
कुछुए न जानै छिहोॅ कौड़ी छदाम
बाबू लौटी आबोॅ तों अपनोॅ गाम

छौं नै उमर तोहरोॅ रिक्सा चलावै के
हमरोॅ उमर नै छौं तोरा समझावै के
देह जो गिरी जैथों कोय नै ऐथौं काम
बाबू लौटी आबोॅ तों अपनोॅ गाम

अपनोॅ गामोॅ में नै काम के अकाल छै
जेकरा हाथों में बाबू खुरपी कोदाल छै
रोजी रोटी के होलै सब इन्तजाम
बाबू लौटी आबोॅ तों अपनोॅ गाम

कामोॅ के बदला में मिले छै अनाज हो
आलू के साथें साथें मिलै छै पियाज हो
कुरथी के सतुआ आरोॅ चिनिया बदाम
बाबू लौटी आबोॅ तों अपनोॅ गाम

अपनोॅ गामोॅ में आवेॅ पूल बनावै छै
बच्चा बुतरु लेली इस्कूल बनावै छै
जहाँ तहाँ रोपलोॅ जाय छै नेमू लताम
बाबू लौटी आबोॅ तों अपनोॅ गाम

आबोॅ बाबू आबोॅ बाबू गामोॅ से नै मुंह मोड़ोॅ
विनती करै छिहौं कि नहियें तो नाता तोड़ोॅ
आबो सभ्भे मिलि जुलि जैबै बाबा धाम
बाबू लौटी आबोॅ तों अपनोॅ गाम