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फरिश्ता / कुंदन अमिताभ
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इ के छेकै?
इ के छेकै
जे रोज
हमरा दरवज्जा पर आबै छै
पर चौखटऽ के नीचैं रहै छै
देॅ बाबू देॅ बाबू
के शोर करै छै
जेकरा लेली
नै कहियो भोर होय छै।
इ के छेकै
जे बिना कहनै
गीतऽ सें हमरऽ
मनोरंजन करेॅ लागै छै
आरू बलजोबड़ी
हमरऽ नजर केॅ
आपनऽ दन्नेॅ खींची
दिल जीती लै छै
आरू बदला में
कुछु पाबी केॅ
चल्लऽ जाय छै।
इ के छेकै
इ तेॅ सब केॅ पता छै
इ भिखमंगा छेकै
इ बेसहारा छेकै
सब तरफ सें हारलऽ
बेचारा छेकै
कहीं इ फरिश्ता तेॅ नै छेकै
फरिश्ता
जेकरऽ असलियत
कोय नै जानै छै
जे देहरी-देहरी जाय केॅ
आधुनिक विकसित युग केरऽ
स्पष्ट झलक देखाबै छै।