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एक तो चेहरा ऐसा हो / फ़रहत शहज़ाद

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क तो चेहरा ऐसा हो
मेरे लिए जो सजता हो

शाम ढले एक दरवाज़ा
राह मेरी भी तकता हो

मेरा दुःख वो समजेगा
मेरी तरह जो तनहा हो

एक सुहाना मुस्तकबिल
ख़ाब सा जैसे देखा हो

अब 'शहज़ाद' वो दीपक है
जो तूफ़ान में जलता हो