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पिया पावस रसाय / ऋतुरंग / अमरेन्द्र
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पिया पावस रसाय।
ऐलोॅ छै हमरे लेॅ होयकेॅ कसाय
पिया पावस रसाय।
कभियो कसया के आँख गड़ी जैतै
जोरू की? जोरलोॅ बथानी के गाय
पिया पावस रसाय।
ओत्तै पियासोॅ सें ठोर हमरोॅ सूखै
जत्ते ई पानी सें धरती अघाय
पिया पावस रसाय।
चुप्पे छी, मोॅन बान्ही चुप्पे ही रहबौं
हमरा की, होत्हौं जग तोहरे हँसाय
पिया पावस रसाय।
की करबोॅ बोॅ रसाठी-वरोॅ केॅ पूजी
आपने गोसैयां नै जेकरोॅ सहाय
पिया पावस रसाय।
-4.9.95