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पिया पावस हँसै / ऋतुरंग / अमरेन्द्र
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पिया पावस हँसै।
देखी परदेश हमरोॅ पाहुन बसै
पिया पावस हँसै।
भागीकेॅ कोण्टा में जायकेॅ छिपै छी
उड़ी-उड़ी बदरी के फुन्सी डँसै
पिया पावस हँसै।
भोरे सें राती ताँय रिमझिम की रिमझिम
गौना के रसिया रङ बादल रसै
पिया पावस हँसै।
सरगद करै छै तेॅ जारबो करै छै
हेनोॅ ई पावस पर बज्जड़ खसै
पिया पावस हँसै।
मोॅन करै तोरा लुग भागी चली जइहौं
जखनी पिछवाड़ी के धँसना धँसै
पिया पावस हँसै।
-4.9.95