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पिया आगिन बैशाख-2 / ऋतुरंग / अमरेन्द्र
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पिया आगिन बैशाख।
अगहन चिरैया के जरी गेलै पाँख
पिया आगिन बैशाख।
धाने रङ धरती केॅ उसनै छै भाँपै
सुरजोॅ केॅ देखी केॅ आगिनो भी काँपै
हम्में तेॅ कोयले रङ जरी-जरी केॅ राख
पिया आगिन बैशाख।
परदेशो मेघ पिया पाहुन अलोपित
बाँझोॅ के कोखी रङ मोॅन बड़ी कलपित
जहिये सें गिरलोॅ छै चैतोॅ के साख
पिया आगिन बैशाख।
तपलोॅ बैशाख है तेॅ पकिया कसाय छै
जेकरोॅ आय हाथोॅ में जिनगी के गाय छै
छोड़वाँ ै छोड़ै छै डिकरै छै लाख
पिया आगिन बैशाख।
-26.4.2000