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फाटलै धरती गिरलै बेल / छोटे लाल मंडल

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फाटलै धरती गिरलै वेल,
मुसनां भागलै पेलम पेल,
हसना पूछै छै की रे भाय,
अरे जल्दी भागें जान बची गेल।

हसना भागलै दोसरी ओर,
जंगलों में मचलै बड़का शोर।
झरना पहाड़ ते धसिंये गेलै,
गाय भैस बकरी चपियै गेलै।

बात अजुवा सुनिके वुधुवा,
सोचें तनिक विचारै छै,
भरको भागलै मिर्जापुरो में,
मकटुम्मा भागलै अमरपुरें छै।

हिम्मत वान्हीं के आगू वढ़िलै
पहुचै छै वें भेड़ा वांध,
सांच यहे कि बेल गिरलो छै
नैं धरती में फटलै मांद।