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झुठा गुरूजी चेला कसाय / छोटे लाल मंडल
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अजगर सांप जंगल में पड़लों,
नोंच नोंच चीटी नें खाय,
कहै गुरूजी सुन रे चटिया
झुठा गुरू के चेला कसाय।
मढो पै वैठलै लंगोटी कसी के
रात होय तै चेली के दास,
चेलिया सवनें पैर दवावै,
अंत होयलै नरको में वास।
झुठा गुरूजी के झुठा गियान
चेलवा नोंचि के खावै मांस,
दम नै छै आवै मांछी मारों
माथा चढ़ि के विसावै फांस।
जें अजगर नें खीचै छेलै,
स्वास स्वास में कत्ते जीव,
टसक मसक नै हिन्नै हुन्नै
देही सें चूवै घावो पीव।
करनी के फल पैइवै करतै,
कहीं नरक योनि में जाय,
काम घिनौना समाजें दुतकारै
धिक धिक जीवन नरतन पाय।श