भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
धरती के हम्में बेटा / श्रीस्नेही
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:33, 7 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीस्नेही |अनुवादक= |संग्रह=गीत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
धरती के हम्में बेटा हऽर हमरऽ हथियार!
कोदरा-पालऽ चौकी-गोला बरदा पर संसार!!
हऽर हमरऽ हथियार...
भीजी-तीती झरकी-पाकौ खेतऽ केॅ बनैबै हो!
खेत-कियारी मेहनत करी हीरा हम्में उगैवै हो!!
छोड़ी देलें धंधा बाबू होय जैतै अंधार!
हऽर हमरऽ हथियार...
हमर्है पेॅ ठाट-बाट हाकिमऽ के आन हो!
राज-पाट गोली-बारूद जनानी के शान हो!!
हमरे लहू जरै बाबू बनी के अंगार!
हऽर हमरऽ हथियार...