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के तोरोॅ ई रूप गढ़लकौं / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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के तोरोॅ ई रूप गढ़लकौं।

आँखी में की मीन बसै छौं
ठोरोॅ पर की फूल हँसै छौं
की गल्ला, छाती आमन में
गोकुल केरोॅ रास रसै छौं
भौंह कैन्हें ई हेनोॅ बंकिम
की खंजन नें कुछू कहलकौं?
के तोरोॅ ई रूप गढ़लकौं?

कंठ तोरोॅ की कोयल छेकौं
देह छिकौं कि शतदल छेकौं
पान जना मुँह, चन्दन ही तेॅ
वै पर केश; घटा-दल छेकौं
ओकरा-ओकरा कविये पैलां
जे-जे तोरोॅ रूप पढ़लकौं।
के तोरोॅ ई रूप गढ़लकौं?