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हाथी / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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हाथी! सूँड़ छेकौं की हाथ?
अब तक बुझलौं नै ई बात
भारी-भारी बोझ उठावौ
सूँड़े से तोंय गाछ गिरावौ।

सूँड़े सें सूंघै छौं तोंय
पानी पीवी लै छै सोंय
कत्तेॅ मोटोॅ तोरोॅ खाल
कन्नें आँखै छौं? कन्नें गाल?

पीठ तोरोॅ ससरौआ छौं
बैठलोॅ वै पर कौआ छौं।