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गाँव / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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कत्ते सुन्दर अभियो गाँव
उजरोॅ चादर अभियो गाँव।
शहर हेनोॅ कुछ-कुछ चेहरा
खादी-खद्दर अभियो गाँव।
एत्तेॅ दिन आजादी भेलै
भटकै दर-दर अभियो गाँव।
एत्तेॅ-एत्तेॅ दुख सहलौ पर
देखोॅ फर-फर अभियो गाँव।