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लाल परी / मृदुला शुक्ला

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लाल परी जे ऐलोॅ छै
नूनू खूब रमैलोॅ छै।

सुन्नर-सुन्नर ओकरोॅ वेश
लम्बा-लम्बा ओकरोॅ केश
दाँत जना कि मोती ही
बिजली केरोॅ ज्योति ही
परी-पंख रं दोनों हाथ
देखोॅ कना उठैलोॅ छै
लाल परी की ऐलोॅ छै।

गोय्याँ कत्तेॅ-कत्तेॅ नी
बात करै छै जत्तेॅ नी
बादल, पत्ता, फूलोॅ पर
नद्दी, नाव, डमोलोॅ पर
सपना केरोॅ दुनियाँ में
खाली खुशिये छैलौ छै
लाल परी जे ऐलौ छै।