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बाजै छै बीन / भाग-3 / सान्त्वना साह

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मिठुआ बताशा

मिठुआ बताशा
पारूल करै तमाशा
सौरभ मारै तमाचा
जेना तड़बड़ तासा
मारी केॅ बनासा
सिट्टू दै दिलासा
पिन्ही लेॅ कनपासा
आनी देवौ बताशा।

पक्की सक्खी

हमरी पक्की सक्खी
पिंकी आरो रिंकी
सोनी-मानी-छमकी
चल्ली गेलै बमकी
गुड़वा-गुड़िया पटकी
दौगी जाय झुमकी
रूपा रानी ठुमकी
चाटै छै निमकी।

झिंगुर

पानी पड़ै झम-झम
मुनिया कहै थम-थम
झिंगुर बोलै झन-झन
पायल बाजै छम-छम
बेंग बोलै टर्र-टर्र
मैनाउड़ै फर्र-फर्र
बाबा कहै गिनती गिन
एक-दू-तीन, एक-दू-तीन।

सरदार

खेलॉे में बनवै सरदार
कपिल, गवास्कर, सचिन कुमार
गावै में बनवै फनकार
तानसेन रङ रचनाकार
दुश्मन केॅ देवै ललकार
मिगटैंक सें खबरदार
शान्ति के करवै परचार
अहिंसा रङ बरियोॅ हथियार।

सब रोॅ भलाय

बाँटी-चुटी खाय
राजा घोॅर जाय
कजिया अपना में
करिहोॅ नै भाय
चान-सुरूज-तारा
सरंगोॅ में गाय
मच्छी-मगर-कछुआ
संग-संग नहाय
पंछी रोॅ जेरोॅ
बगिया चहकाय
रंग-रंग रोॅ फूल
खुशबू गमकाय
सतरंगी पनसीखा
आँखी केॅ सोहाय
मिली-जुली कॅ रै मेॅ
सब रोॅ भलाय।

पूरब पच्छिम

पूरब-पच्छिम
उत्तर-दक्खिन
धरती आरो आकाश
दसो दिशा में
घुरी-घुरी नाचै
मुनिया केरी सास।

फुसकन्नी

मुन्ना-मुन्नी ऐंगना
माही पर बिछौना
मुन्ना कहै-मोटकी
मुन्नी जाय सटकी
बित्ता भर के टेंगना
ठुनकै छै लजौना
दादी दै छै थपकी
नूनू मारै झपकी
गंडा भरी चेंगना
मौनी भर खेलौना
रूसै छै फुसकन्नी
मामू दै चवन्नी।

मिरिया-हिरिया

गोल-मोल हंडिया
मूढ़ी भूजै बुढ़िया
मुन्नी रोॅ गुड़िया
जहर के पुड़िया
नानी घोॅर झरिया
जाय छै मिरिया
बैठी केॅ पिढ़िया
कानै छै हिरिया।

चुरू-चुरू

चुरू-चुरू पानी पी
मूड़ी आरो सुच्चा घी
ठुर्री-ठुर्री साफली खो
खेली-धूपी घोॅर जो
ताखा पर किताब छौ
पिन्सिल आ सिलौट छौ
झोरा भरी इस्कूल जो
साँझे आवी रोटी खो।

कुइयाँ रोॅ पानी

कुइयाँ रोॅ पानी
मिट्ठोॅ छै
खीरा के मुण्डी
तित्तोॅ छै
रौदी में गोड़
गाछी सें आम
टपकै छै
लीची लेॅ मोॅन
लिलकै छै
पानी में मछरी
ससरै छै
भौजी चूल्हो
फूँकै छै
दादी बैठी
भक्कै छै।