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बाजै छै बीन / भाग-5 / सान्त्वना साह

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घरकुंडा

हलरा रे हलरा
बोढ़नी दे
से हो बोढ़नी कथी लेॅ
एंगना बोहारै लेॅ
से हो एंगना कथी लेॅ
माटी सें निपावै लेॅ
से हो माटी कथी लेॅ
घरकुंडा बनावै लेॅ
से हो घरकुंडा कथी लेॅ
कुढ़िया-पुछिया राखै लेू
कुढ़िया-पुछिया कथी लेॅ
सोमा रानी खेलै लेॅ।

मुसकल्ली

राजू के बिल्ली
घुरी ऐलै दिल्ली
बरफ के सिल्ली
पानोॅ के खिल्ली
खावै लेॅ चल्ली
देखी मुसकल्ली।

झुनकी

झुनकी दाय
रूसोॅ नै आय
मेला धुराय
फोकना किनाय
बाइस्कोप देखाय
घोड़वा चढ़ाय
फुचका खिलाय
लानवोॅ आय।

नानी के घोरॅ

नानी के घोॅर
कथी के डोॅर
झुरी के होॅर
खीरा के फोॅर
आँखी के लोर
पोछै छै कोर
देखी केॅ मोर
करै छै शोर।

मेल

हाथोॅ में औंगरी
औंगरी में मुंदरी
मुंदरी में नगीना
चीना मीना रीना।

दुलरुआ

राजा दुलरुआ
खाय छै हलुआ
देखी केॅ पिलुआ
भागै छै टिलुआ
गाछी पर झुलवा
झुलै दुलरुआ।

मोती भाय

मोती भाय
लुतरी लगाय
मार खिलाय
हँसै खिलखिलाय
पम्मी बोलाय
नुनू फुसलाय
नेमचुस खिलाय
मोॅन बहलाय।

तिरंगा

तिरंगा झंडा
फहरै आकाश
डंडा रहलै
हमरे पास
गांधी, नेहरू
वीर सुभाष
बनी देखैवै
हम्मी आज
देश बचैवै
जोगवै आन
भारत माय के
राखवै शान।

कथी में की?

कानो में बाली
बाली में जाली
जाली में सोना
मोना, कोना जो ना!

मुड़ला

चल रे मुड़ला
अखाड़ा पर
कुश्ती लड़वौ
पहाड़ा पर
लाठी चलैवौ
इशारा पर
कसरत करवोॅ
सहारा पर
घाम चुवैवोॅ
ओसारा पर
चल रे मुड़ला
अखाड़ा पर।