Last modified on 28 फ़रवरी 2008, at 12:28

चोली फटी सरस सरसों की-2 / केदारनाथ अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:28, 28 फ़रवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=फूल नहीं रंग बोलते हैं / केदा...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चोली फटी सरस सरसों की

लहंगा गिरा फागुनी नीचे

चूनर उड़ी अकासी नीली

नंगी हुई पहाड़ी देखो ।