बुतरू बेमार / नंदकिशोर शर्मा
सुन्ना-सुन्ना लागै हम्मर ऐंगना दुआर
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
नै रत्तीभर मोन लगै छै, नै कुछ अच्छा ओन लगै छै
कुतबा कानै रात-रातभर, होतै कुछ अनहोन लगै छै
छप्पर चुयै, घर के तंगी, दावा सें लाचार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
घर सौंसे ओझरैलै हम्मर, ई फेरा तें तोरलक कम्मर
नै छूटै छै हम की करियै, भेलै कैसन रोग अजम्मर
ओंगली-पोंगली सभ्भे गेलै करजा हजार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
जहाँ तलक भेल शक्ति गछलौं, तीन साँझ के भक्ति गछलौं
गहवर में हम पान करैलौं, चांनी के हम चकती गछलौं
की कहियोॅ नै तइयो छुटलै जरैइया बोखार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
धूप व धुम्मन साँझे कैलौं, उगड़ी केय हम पड़लौं गोर
सोखा कै हम बांमार गछलौं करौ अनंदी नित करजोर
बुढ़िया माय कै झाँपी गछलौं, छठ सूप चार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
सुरुज अर्ग हम भोरे देलौं, तुलसी चौरा दिया जलैलौं
भुइयां बा कै पाँच बतासा, काढूबा कै गाँजा चढ़ैलौं
धाजा पर हम धेॅ केॅ लड्डू धुनलौं कपार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
जयकाली महरानी गछलौं, पाठा के बलदानी गछलौं
दुर्गा महरानी कै खोयछा, साबाभार के चानी गछलौ
गंगा माय कै पान सुपारी, आरो अरबा चाउर
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
चौरचंडा में डलिया गछलौं, चंडीमाय पर फॉल चढै़लों
गेलौं कामाथान कि दौड़ल, सिंधेश्वर में जॉल चढ़ैलौं
माय कतानें कै हम देलौं दूध के टघार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
जे जेन्ना कहलक हम कैलौं, आवा दावा कुछ नै कैलौं
भारत, मेहता, कम्पोटर कन कम पैसा में काम चलैलौं
केन्ना जैइयै एम.बी.बी.एस. कन, माँगै छै हजार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
पाँच मिनट होस्पीटल खुल्लै, दाबा दारु कुछ नै मिल्लै
ऊ मोटकी नरसिनियाँ कै त सात हाँक में मुण्डी हिल्लै
फाटक पत में बंद, कि डागडर फटफटिया सवार
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।
जोगी-मुल्ला झार झरैलौं, चकमक चादर पीर चढ़ैलौं
जेना-जेना कहलक हम कैलौं, चैन न रत्ती भर हम पैलौं
नै कन्हौं छै जीवन ज्योति सगरे अन्हार,
हम्मर बुतरु बेमार-हम्मर बुतरु बेमार।