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सर्वे / पतझड़ / श्रीउमेश
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सर्वे के बकतीं हाकिम के लगलोॅ छै कचहरी यहाँ।
गामोॅ के लोगोॅ केॅ तंग करै छै हाकिमें जहाँ-तहाँ॥
मँगरू के खेतोॅ पर देखोॅ चढ़लोॅ छै खखरू के नाम।
नाम चढ़ै छै ओकरे जे घूसोॅ में दै छै पूरा दाम॥
सर्बे के ई क्रूर-काल में, घूसोॅ के छै अद्भुत खेल।
जनता आरू आफीसर में, होतै भला कहाँ सें मेल?
हम्में सब कुछ देखै छी, कानै छेॅ मंगरू जार-बेजार।
ऊ गरीब छै, के सुनतै? ओकरोॅ के लागतै आज गुहार?