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बिहुला भगत / पतझड़ / श्रीउमेश
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बिहुलामाय के भगतोॅ के देखै छी हिनकोॅ अलगे सान।
उछली-कूदी नाचै छै, पीरोॅ धोती पर बड़ा गुमान॥
फुलधरियाँ धुमनोॅ जारै छै, ढोलियाँ ढोल बजाब छै।
मंजूसा लेलेॅ देखोॅ भौगो-मुन्सा मुसकाबै छै॥
हमरा छाया में बठी केॅ कतेॅ गीत सुनाबै छै।
भगतें नाची केॅ सब के मन क बहलाबै छै॥
सिंह नछत्तर में बाला-बिहुला के ब्याह रचाबै छै।
ढोलिया ढोल बाजाबै छै, भगतोॅ केॅ सान चढ़ाबै छै॥