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कृष्णावतरण / जयप्रकाश मानस
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संताप में डूबते-उतराते रहोगे कब तक
ज़िंदा रहोगे आख़िर कब तक अपमान में
चमत्कारिक पुरुष की बाट जोहते
हाथ पर हाथ धरे बैठे रहोगे तुम कब तलक
होना है मुक्तिदाता का अवरतरण कभी न कभी
इस समय हो रही
देवकी के सात-सात शिशुओं की
जघन्य हत्या के लिए
उत्तरदायी कौन होगा
कंस या तुम
कंस या तुम
कंस या तुम