भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ये उनका अपना तरीक़ा है / हरीशचन्द्र पाण्डे

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:39, 5 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीशचन्द्र पाण्डे |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दो हमउम्र औरतें
साथ-साथ चलतीं बातें करतीं जाड़ों की धूप में

एक की गोद में बच्चा है

जिसकी गोद में बच्चा है, वही माँ हो उस बच्चे की
ज़रूरी नहीं

चलतेचलते बातें करते-करते
भार बाँट लिया जाये
और किसी को पता भी न चले

एक-दूसरे की निर्भार किये जाने का
ये उनका अपना तरीका है।