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चालो झांसी आजाद करावां / रणवीर सिंह दहिया

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अपनी ट्रेनिंग पूरी कर लेने के बाद पूरी महिला सेना की महिलांए फिरंगी के खिलाफ, झांसी को बचाने के लिए, अपने मान सम्मान के लिए, निरन्तर जंग जारी रखने की शपथ लेती हैं। वे कहती हैं कि हम किसी जात या धर्म से हों हमारे लिये सबसे पहले झांसी है। अपना देश है। फिरंगी को यहां से निकाल भगाना हमारा मकसद है। एक रोज एक महिला एक गीत सुनाती है जो उसके गांव की महिलाओं ने मिल बैठकर तैयार किया था। क्या बताया भलाः

चालो झांसी आजाद करावां हे सखी सारी रल मिलकै॥
बुढ़यां नै तो हम मनाल्यां, इन छोरयां नै समझावां
औरतां नै भी साथ मिलावां हे सखी सारी रल मिलकै॥
बन्दूक तोप चालाना सीखैं इस तरियां बणैगी बात
चाहे छलनी होज्या गात हे सखी सारी रल मिलकै॥
म्हारे बेटे भाई और पति फौज मैं भर्ती करवावां
कान्धे तै कान्धा मिलावां हे सखी सारी रल मिलकै॥
दस बीस नहीं हजारा लाखां जोर का नारा लगावां
झंासी और दिल्ली हिलावां हे सखी सारी रल मिलकै॥
फिरंगी तै आजाद कराकै सुखी घर परिवार करांगे
गुलामी नै नमस्कार कहांगे हे सखी सारी रल मिलकै॥
खाली बैठे ना काम चलै आगै आणा होगा हे,
फिरंगी मार भगाणा होगा हे सखी राल मिलकै॥