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भगीरथ के पीर बड़ोॅ होत/ अनिरुद्ध प्रसाद विमल

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भगीरथ के पीर बड़ोॅ होतै
तबेॅ धरती पर गंगा एैली होतै ।

ई जे बहै छै खलखल पानी
केकरो आंखी के लोर बहलोॅ होतै ।

युग धर्म आरो कर्म के पहचान गंगा
सफल धरती के तपस्या होलोॅ होतै ।

देखोॅ करी कल्पना भगीरथ पीर के
ई युग नांकी ऊ बेपीर नै रहलोॅ होतै ।

पानी-पानी होल गेलोॅ छै आय गंगा
हमरा तोरा ई समझ कहिया होतै ।