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तिम्रा रहरहरूमा / सुमन पोखरेल

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तिम्रा रहरहरूमा भिजाऊ मलाई
केही आश देखाई रिझाऊ मलाई

थुप्रै इच्छा बोकी लजाएकी झैँ
केही बोल्न खोजी शर्माएकीझैँ
सँधै तिर्सनामा कति देखूँ म
लौ सामु आऊ सबै धक फुकाई
यौवनका चाहना सुनाऊ मलाई

वैँसका सबै उमङ्ग नै जलाई
निश्वासलाई यसरी चलाई
सँधै कल्पनामा कति लेखूँ म
लौ आज रोकौँ उच्छवासलाई
केही त अनुभव दिलाऊ मलाई