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हर बिन हार चलों जग रीते / संत जूड़ीराम
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हर बिन हार चलों जग रीते।
झूठी लाद-लाद सिर ऊपर विफल भयो पन बीते।
पैरत थको बांह बल अपनो डूब मरो जल रीते।
विखय-विहार काम मद छाको लख परीगत ईतें।
जोलो सुवास सरीर समानी क्रेल होत सब हीते।
विछरन भयो कूच काया ते चलो काल जिय जीते।
बिन हरनाम काम नहिं तेरो गह पद वेग अबीते।
चूड़ीराम तज काम कपट छल राम नाम रस पीते।