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पूरन गुरु मिल जागे भाग / संत जूड़ीराम
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पूरन गुरु मिल जागे भाग, जाकै वारामास बसंत राग।
राम नाम उर कियो वास, काल-कर्म की मिटी त्रास।
हरखत हेरत धरत ध्यान, चार वेद मत कथन ज्ञान।
छिमासील संतोष साध, बुद्धि विमल रचना अगाध।
हिल मिल दरसन शब्द नूर, दुरमत दुबदा भई दूर।
ऐसो है सतसंग रंग, जेसे पावक हार संग।
जागो-जागो दुख भयो दूर, आनंद मंगल बजत तूर।
लागो पूरन शब्द घाव, खेलत मनुवा सुरत दाव।
जूड़ीराम गुरु ज्ञान मान, भगत महल घूमे निसान।