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की भैलै ? / रौशन काश्यपायन

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कलकल करलें ,छलछल करलें
कन्नो उमड़तें कन्ने सिकुड़तें
आपना में समैलेॅ सभ्यता केॅ
आपने कते नी अमर कहानी
पर आबेॅ नाक-भों सिकुड़तें होलेॅ
ई नदी सिनी एकदम चुपचाप छै
उदास छै कि हमरोॅ सोझो रो धारा
हमरहै सें रूसी केॅ कन्नें चल्ली गेलै?