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से उत्तराखंड के जतरा केलकै / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
से उत्तराखंड के जतरा केलकै
सात दिन के रस्ता लगै छै
धौलागिरी के रस्ता घेलकै
तीन दिन तीन राति जे बीतलै
चारिमा दिन धौलागिरी जे गेलै
धौलागिरीमे डेरा खसौलकै
तीन दिन तीन राति रहलकै
खाड़-खाड़मे देवता खोजै छै
पात-पातमे स्वामी खोजै छै
कतौ उदेश स्वामी के नै भेटै
पँचमा दिनमेडेरा तोड़ै छै
उदयचाड़ घिर जिला गेलै
उदय चौर पर डेरा गिरौलकौ
सात खोला तऽ आगू बढ़तौ
तिलयुगामे डेरा गिरौलकै
हाथी के बाजारऽ देखलकै
समतोला के ढ़ेरी देखलकै
ओहिठाम स्वामी मलीनिया तकै छै
कतै उदेश स्वामी के नइ भेटलै
पछिम राज के हौ जतरा केलकै
तीरबे तीन तीरपेखन फेलकै
तइयो स्वामी के उदेश नइ पेलकै
लाल हाट सग पगिया गेलै
ऊलीसिंह के हाटो लगै छै
चल चल बहिना लाल हाटमे
स्वामी मिलतै जादू मारबै