भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तड़बा आय लहरिया चढ़लै / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:24, 8 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

तड़बा आय लहरिया चढ़लै
मुनी जीमीदरबा के
आ तड़बा लहरिया आइ चढ़लै
मुनी जीमीदरबा केने हय
कौने दिस चोरबा आबि कऽ
चीठी आइ गिरा देलकै
आ कौने दिन चोरबा आबि कऽ
चौठीया गिरा ने देलकै यै।।
राजा पलटन सभके जाति-जाति के पूछे छथि-जे