Last modified on 10 अगस्त 2016, at 06:37

हौ भागल दुर्गा महिसौथा के चललै / मैथिली लोकगीत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:37, 10 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ भागल दुर्गा महिसौथा के चललै
आ घड़ी चलै छै पहर बीतै छै
पवन रूपमे दुर्गा भगलै
सन सन सन सन दुर्गा बीतलै
हा पले घड़ीमे महिसौथामे जुमि गेलै
सुतल छै गै साँमैर रानी पलंग पर
हा तहि के बेरमे दुर्गा घरमे जुमि गेलै गै।
हौ हाक लगा के दुर्गा कहै छै
सुन गे बेटी साँमेर सुनिलय
अगुआ के भेजलय तीसीपुरमे
सभ के मार तीसीपुरमे लगौलय
अपने रनीयाँ गै कोहबर सुतलय
केना कऽ कोहबरबा घरमे सुति रहलय गै।
से जल्दी गै नींन कोहबरमे साँमैर तोड़ियौ-2 गै