Last modified on 10 अगस्त 2016, at 07:16

हौ भागल दीनाभद्री जाइ छै महिसौथा / मैथिली लोकगीत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:16, 10 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ भागल दीनाभद्री जाइ छै महिसौथा
हा घड़ी चलैय पहर बीतै छै
पले घड़ी अधपेरिया बीतै छै
जुमि गेल महिसौथामे।
सभुआ लगौने देवता छेलै
बाट जोहै दीनाराम के।
आ गरामे गरा सलहेस मिलैय।
हृदय से भैया के भद्री बोलैय
जहिया से दोस्ती कटैयामे केलहक
कहियो समाध सहोदरा भेजलऽ
आ किये हौ जरूरी भैया पड़ि गेल
तेकर समाखा हमारा कहियौ
कौन दुश्मन राज पर चढ़ि गेलै
किया कारण समधिया भेजलऽ
जल्दी समाखा हमरा बता दीअ।
हा एत्तेक बात भद्री जे बोलैय
सब खबरिया देवता जे बोलैय।
बुधेसर बिआह खबरिया कहैय।
साजल बराती श्यामलगढ़ जयबै
डोलाँ फनाँ आइ कनियाँ के लौबै।
हौ सीरी भगवान के आइ देवता जपै छै
सीरी भगवान नरूपिया देवता जपै छै।
तीन सय साठि बराती महिसौथा सजैय।
संगमे भागिन करिकन्हा साजैय
हा नरबे लाख तऽ हाथी सजलकै
आ तीन सय साठि तिरहुतिया सजैय
टेंटीया फेंटीया महौत कीरतिया
गिरबिर सिरबीर तिरहुतिया बोलैय
संगमे बहिन बनसप्ति लैये
भागल बरियाती आइ श्यामलगढ़मे जुमि गेलै यौ।
हौ ताबेमे बरियाती ड्योढ़ी पर जुमि गेल
मनमे विचार राजा श्याम सिंह करै छै
तीन सय पलटन ड्योढ़ीमे खटैय
सुनऽ सुनऽ हौ सुबा हौ राजा दरबी
एको रत्ती प्राण नइ आइ तोरा बचतौ
आ सहजे आइ डोला बेटी के करीयौ यौ।।2।।
आ एत्तेक बात श्यामलसिंह सुनैय
हा पलटन बात जखनी बुझि पड़लै
ताबे बरियाती ड्योढ़ी पर जुमलै
आदर भाव बरियाती के करैय
सब बरियाती ड्योढ़ीमे बैठलै
हा चारि-चारि हाथ मोती दुलरा फँनैय
वीर पर वीर आइ सब जमा भेलै
बिना दिनमा के तिलक चढ़ बैय
बिना पोथी के दिन उचारैय
दिन मनमाँ के सेनुर दियाबै
सहजे ब्याह बुधेसर के करबैय यौ।।2।।
लाठी आ हाथ से ब्याह करबैय यौ।।
हौ ब्याह कराके देवता चलैय
हा गदमद गदमद बरियाती करैय
सब बरियाती इकट्ठा भयलैय
हा भौरानंद के मोती खोलैय
भौरा पर असवार होइय
भौरानंद हाथी पर हौदा
सात सय हाथी केरिकन्हा साजल
पाठा हाथी साजल बराती
मंगला महोतिया साथ लगौने
जहि हाथी पर देवता चढ़ल
केवल किरतिया साथ लगौने
मच-मच मच-मच मोती चलैयऽ
आगू-आगू डोलीया आय
श्यामलबती के जाइ छै ने यौ।।
हौ साजल बरियाती महिसौथा जुमलै
आ जखनी महिसौथा बरियाती जुमलै
चुम्मा चा चाखर कनियाँ भयलै