भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सभ हौ सलैता देवता से पूछैय / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:53, 10 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सभ हौ सलैता देवता से पूछैय
सुन सुन हौ राजा दरबी
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
कहाँ रहै छह, कहाँ बसै छह
हा किया नाम तोहरा हौ लगै छै।
कोन कुल के बेटा लगै छह।
तेकरो हलतिया हमरा तू बता दियौ हौ।
हो तब देवता ड्योढ़ी बजै छै
नाम छपेबै राजा ड्योढ़ी मे
सतयुग छीयै कलयुग अऔतै
दुनियाँमे नाम नै हमर चलतै