भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हौ तब वचनियाँ दुर्गा कहैय / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:51, 10 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ तब वचनियाँ दुर्गा कहैय
सीरी सलहेस नरूपिया खामिन के
सुन ले देवता देवता नरूपिया
दिल के वार्त्ता तोरा कहै छी
हमर वचनियाँ नरूपिया मानियौ
सब क बिअहबा महिसौथा कयलऽ
एकेटा कुमार तोरा भगीना रहलऽ
जनम उलहिनियाँ तोरा बहिनियाँ दै छह
केना बिअहबा करिकन्हा के होयतऽ हौ।।
केना के बिअहबा करिकन्हा के होयतऽ हौ।।
एमरी लगन बेटा चलि ने गेलै
एमरी बिआह करिकन्हा करा दियौ रौ।।