मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हकन-बिकन छौड़ा हजमा कनैय
जेल के घरमे हजमा देलकै
केना प्राण मैया हमरा बैंचतै
सुनिले सुनिले देवी असावरि
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
केा समधिया महिसौथा मैया जयतै गै
तनि समाध महिसौथा पहुँचैय
बान्ह खोला नरूपिया लयतै
नै तऽ प्राणमा जेलमे तेजबै गै।।
दुर्गा मैया छै अगरजानी
भागल दुर्गा महिसौथा के जाइये
सब हलतिया नरूपिया के कहैय
बन्हवाँ खोलाकऽ हजमा के लाबि लियौ यौ।
एत्तेक बात नरूपिया सुनैय
तरबा लहरि मगज पर चढ़ैय
मोतीराम के खबर देवता दै छै
फलका ऊपरसे मोती जुमलै
झूकि परनाम सहोदरा के करै छै