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एतबे वचनियाँ दादा सुनै छै / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

एतबे वचनियाँ दादा सुनै छै
तव जवाब नरूपिया दै छै
सुन गे मैया दुर्गा सुनिले
मानिकदह के रास्ता छोड़ि दे
रास्ता काटिके रास्ता चलियौ
हमर वचनियाँ एतऽ करियौ गे।
एतै से जतरा देवता करै छै
घड़ी चललै पहर बीतै छै
मानिकदह पर देवता जुमलै
पथल नींद मलीनियाँ के भऽ गेल
पाँच बहिनियाँ सुतल मलीनियाँ
अपना अपना पलंग पर छेलै
देवता लऽकऽ दुर्गा जुमि गेल
लच लच गारि देवता मालीन के दै छै
सुन सुन गे सुन मलीनियाँ सुनि ले
एहे मौका मलीनियाँ लगै छै।
जल्दी नींन मालिन सभ तोड़ियौ
स्वामी लऽकऽ दुर्गा जुमलै
पाछु नै दोष नै हमर दिहै
हमरा आय दोषवा नै दैहीयै गै।
एत्तेक बात मालीन सब सुनै छै
दुर्गा मैया के महिमा डोललै
अचकिं नींन मालीन सब तोड़ै छै
स्वामी दरशनमा मालीन के भऽ गेल
सब तऽ रानी देवता बोलैय
सुनि ले स्वामी स्वामी नरूपिया
दिल के वार्त्ता तोरा कहै छी
रटना रटलियै राज मोरंगमे
वयस बुढ़ा गेलै केश तिलकलै
दाँत बतीसो मुख से झड़लै
बान्हल मड़बा मोरंगमे तेजलियै
सखी-बहिन के बातो नै केलीयै
थूक फेकलियै मलीया घरमे
तोरा पर अँचड़ा बेइमनमा हम बान्हलियै हौ।।
केनाकऽ सबुरबा निरमोहिया
हमहुँ बान्हबै यौ-
केना कऽ साथ बेइमनमा रहबै यौ।
सतयुग छियै कलयुग अऔतै
केना नाम कलयुग चलतै
एतने आसरा हमरा पुरा कऽ दय
मन के ललिसबा पुरा कऽ दय
हमरा आय आसरा बेइमनमा
पुरा कऽ दियौ हय।।
हौ दादा नरूपिया बड़ जोर केलकै
सुन गे मलीनियाँ दिल के वार्त्ता
सतयुग छियै कलयुग अऔतै
घर-घर पूजा कलयुगमे हेतै
गै दहिना बगलमे मोती दुलरा रहतै
बौआ बुधेसर संगमे रहतै
बामा भागमे पूजा मिलतौ
तोरा पूजा हम बामा भागमे दऽ देबै गै।।