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खाइणो आ, त ॻाइणो पवंदो! / अर्जुन हासिद
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खाइणो आ, त ॻाइणो पवंदो!
कंहिं बहाने पॾाइणो पवंदो!
हार पाइण जो आसरो ॾेई,
कंहिं खे मूर्ख बणाइणो पवंदो!
नांउ नामूस हुनजो केॾो आ,
दिल खे वेही ॿुधाइणो पवंदो!
ज़िन्दगीअ जो बि कहिड़ो मुल्ह आहे,
दाउ वॾिड़ो लॻाइणो पवंदो!
पोखिबो जेको, सो लुणी सघिबो,
ज़हर ॿिज में मिलाइणो पवंदो!
तुंहिंजे अहसान जी शनास अथमि,
कर्ज़ तुंहिंजो चुकाइणो पवंदो!
केॾियूं हासिद कथमि थे अरॾायूं,
कन्धु हाणे झुकाइणो पवंदो!