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पोखरी का हीत, जय जश दे / गढ़वाली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पोखरी का हीत<ref>हित देवता, गाँव का</ref>, जय जश दे,
तेरा जाति<ref>यात्रा</ref> आयो जय जश दे
भेंटुली<ref>भेंट</ref> क्या लायो, जय जश दे,
सोवन<ref>सोने की</ref> धुपाणी<ref>धूपदानी</ref> लायो जय जश दे
मोत्यों<ref>मोतियों से</ref> भरी थाल लायो जय जश दे,
जाति तेरा आयो जय जश दे
पोखरी का हीत जय जश दे,

जौ<ref>ऐश्वर्य</ref> जश दे धरती माता
जौ जश दे कुरम<ref>कूर्म</ref> देवता
जौ जश दे भूमि का भम्याल<ref>भूमिपाल</ref>
जौ जश दे गंगा की सौणी<ref>सुहावनी</ref> धार
जौ जश दे पंचनाम देव
जौ जश दे भायों<ref>भाइयो</ref> की जमात
जौ जश दे देऊ भूम गढ़वाल

देव खितरपाल<ref>क्षेत्रपाल</ref> घड़ी-घड़ी का विघ्न टाल
माता महाकाली का जाया<ref>पुत्र</ref> चंड भैरों<ref>भैरव</ref> खितरपाल
प्रचंड भैरों खितरपाल, काल भैरों खितरपाल
माता महाकाली का जाया, बूढ़ा महारुद्र का जाया

शब्दार्थ
<references/>