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गाढ़ो जोती न रणु बाई आया / राजस्थानी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
गाढ़ो जोती न रणु बाई आया
यो गोडो कुण छोड़ोवे
गाढ़ो छोज्ञावे ईश्वरजी हो राजा
वे थारी सेवा संभाले
सेवा संभाले माता अगड़ घड़ावे, सासरिये पोचावे
सासरिये नहीं जाँवा म्हारी माता पिपरिया में रे वां
भाई खिलावां भतीजा खिलावां, तो भावज रा गुण गांवा