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म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर / राजस्थानी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर
म्हारा काकाजी के मांडी गणगौर
रसीया घडी दोय खेलवाने जावादो
घडी दोय जावता पलक दोय आवता
सहेलियाँ में बातां चितां लागी हो रसीया
घडी दोय खेलवाने जावादो
थारो नथ भलके थारो चुड़लो चमके
थारा नेना रा निजारा प्यारा लागे हो मारुजी
थारा बिना जिवडो भुल्यो डोले