भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

था करम आपका मोहल्ले में / दीपक शर्मा 'दीप'

Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:00, 18 सितम्बर 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 

था करम आपका मोहल्ले में
मैं नहीं चल सका मोहल्ले में
 
जो ज़रुरत थी, वो ज़रुरत है
और सब हो गया मोहल्ले में
 
आपने, मैंने और हम सब ने
कुछ बदलने दिया मोहल्ले में
 
इस मोहल्ले में भी मोहल्ले हैं?
आपने क्या किया मोहल्ले में?
 
शक्ल उतरी है, लड़खड़ाते हो
यार क्या खा लिया मोहल्ले में?