भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हथवा लिहले रँगवा ए दुलहिन / दीपक शर्मा 'दीप'
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:00, 21 सितम्बर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीपक शर्मा 'दीप' |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हथवा लिहले रँगवा ए दुलहिन अँगना गावें फगुआ हो
ससुरू बईठे, जेठरू बईठे, बइठे भईया अगुआ हो।
सुघ्घर-सुघ्घर अँखिया ए दुलहिन जईसे बाटे महुआ हो
ससुरू बईठे, जेठरू बईठे, बइठे भईया अगुआ हो।
खींचत-नोचत रढ़िया ए दुलहिन देवर हय मुँहलगुआ हो
ससुरू बईठे, जेठरू बईठे, बइठे भईया अगुआ हो।
पातर-पातर देहियाँ ए दुलहिन रँगवा - रूपवा गेहुँआ हो
ससुरू बईठे, जेठरू बईठे, बइठे भईया अगुआ हो।
गारी-गावा गावा ए दुलहिन सबके के सब हैं ठगुआ हो
ससुरू बईठे, जेठरू बईठे, बइठे भईया अगुआ हो।