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रेशमी रेशमी / अर्जुन हासिद

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समुंडु त समुंडु आहे
नंढा वॾा जहाज़
ॿेड़ियूं बतेला
अध उघाड़ा हलकिड़ा जिस्म
मज़बूत अंग
ॼारु फहिलाए नंढिड़ियूं नंढिड़ियूं कुरिड़ियूं
फासाए रहिया आहिनि।

केॾो परे परे बि सिड़ह
ॾेखारी ॾेई था वञनि
सन्हिड़ी मिठिड़ी मिठिड़ी झूंगार
लहरुनि खे छुही छुही
पुरनूर बणाए थी।
अछ ई अछ
झूमन्दड़ वहकुरा
झाॻ
नरमु नरमु आङुरियूं
भाकुरु ऐं खिल-खिल
का बांस त आहे चौधारी
जिस्मनि जे चुमियुनि जी
मछियुनि जे लचक ऐं लोॾ जी
वारी त सॼी उघाड़ी उघाड़ी
रेशमी रेशमी

(1-4 सिंधी भाषा, हफ़्तेवार 2007)