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बन्दगी / जयन्त रेलवाणी

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राधां खे हिपनोटाईज़ कन्दड़
तुंहिंजी सोकाल्ड मधुर मुरली
न बुधी आ श्याम!
सीतां खे अनडिकलेअर्ड
डाइवोर्स ॾीन्दड़ राम
न तुंहिंजो को
सोकाल्ड मोहींदड़ रूपु ॾिठो आ!
रत जी नदी वहाइण लाइ
अर्जुन खे भंभुलाए
ऐटमिक जंग लाइ आमादा कन्दड़
तुंहिंजो विराट रूपु बि
न पसियो आ कृष्ण!
ऐं न विश्नू तुंहिंजो कॾहिं
सत्यम् एवं जयते जो
को नादु महसूसियो आ
पोइ बि हे ईश
मां तुंहिंजे
टालरंस पावर अॻियां नमां थो
हर खिण किरोड़हा ॾोराया
मयारुनि, शिकायतुनि जी ख़ोराक
पचाए सघण जी
तुंहिंजी सियासी शक्ती
मूंखे तो अॻियां झुकायो थी छॾे!